आज के कॉर्पोरेट जगत में एक चीज़ आम है – HR (Human Resource) की भूमिका ज़्यादातर महिलाओं के पास होती है। बहुत से लोग सोचते हैं कि ऐसा क्यों
है? क्या यह सिर्फ़ एक ट्रेंड है या इसके पीछे इतिहास, मनोविज्ञान
और कंपनियों की ज़रूरतें जुड़ी हुई हैं?
आइए विस्तार से समझते हैं।
महिला
HR को प्राथमिकता क्यों दी जाती है?
HR विभाग का मुख्य काम है:
- कर्मचारियों की भर्ती (Recruitment)
- कर्मचारी कल्याण (Employee Welfare)
- विवाद समाधान (Conflict Resolution)
- कंपनी का माहौल सकारात्मक बनाए
रखना
इन सब कार्यों के लिए धैर्य, संवेदनशीलता और संवाद कौशल ज़रूरी हैं। कंपनियाँ मानती हैं कि महिलाएँ इन क्षेत्रों में
बेहतर प्रदर्शन करती हैं, इसलिए महिला HR को प्राथमिकता दी जाती है।
महिला
HR को चुनने के बुनियादी कारण
- सॉफ्ट स्किल्स में निपुणता – सुनने
और समझाने की क्षमता।
- मल्टी–टास्किंग
क्षमता – एक साथ कई जिम्मेदारियाँ निभाना।
- आरामदायक वातावरण – कर्मचारी
महिला HR से खुलकर अपनी बात कहते हैं।
- तनाव कम करने की क्षमता – विवादों
को शांत करने का गुण।
HR
में महिलाओं की भूमिका का इतिहास
पुराने समय में कंपनियों में पुरुषों का
दबदबा था और महिलाओं को सीमित भूमिकाओं में रखा जाता था। लेकिन जैसे–जैसे
महिलाओं की शिक्षा और कार्यक्षेत्र में भागीदारी बढ़ी, उन्हें लोगों से जुड़े काम (People–Centric
Roles) जैसे HR दिए गए। यही कारण है कि धीरे–धीरे HR
को “महिला–उपयुक्त पद” माना
जाने लगा।
HR
में महिलाओं की भूमिका का मनोविज्ञान
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, महिलाओं
में Emotional
Intelligence ज़्यादा होता है। यानी वे भावनाओं को जल्दी समझ लेती हैं और
सहानुभूतिपूर्ण प्रतिक्रिया देती हैं। यही गुण HR
के काम जैसे – सुनना, समझना
और समाधान करना – में सबसे महत्वपूर्ण हैं।
महिला
HR का ट्रेंड कब शुरू हुआ?
- 1990–2000 के दशक
में IT और
कॉर्पोरेट कंपनियों की तेजी से वृद्धि हुई।
- बड़ी कंपनियों को पेशेवर HR विभाग
की ज़रूरत थी।
- इसी समय पढ़ी–लिखी
महिलाओं की संख्या भी बढ़ रही थी।
इन दोनों कारणों से महिला HR का
चलन तेज़ी से बढ़ा और यह एक “कॉर्पोरेट ट्रेंड” बन
गया।
क्या
महिला HR का यह तरीका सच में काम करता है?
- ✅ हाँ, महिला
HR से कंपनी का चेहरा दोस्ताना और सहज
बनता है।
- ✅ कर्मचारी
अपनी समस्याएँ खुलकर बताते हैं।
- ❌ लेकिन
यह सच नहीं कि पुरुष अच्छे HR नहीं हो सकते।
- असली सफलता कौशल, ज्ञान
और व्यक्तित्व पर निर्भर करती है, ना
कि केवल लिंग पर।
महिला
HR रखने के फ़ायदे
- कंपनी की छवि सकारात्मक होती है।
- कर्मचारी खुलकर समस्याएँ बताते
हैं।
- कार्यस्थल पर विविधता
और संतुलन आता है।
- इंटरव्यू और चर्चा का माहौल सहज
बनता है।
महिला
HR रखने के नुकसान
- जेंडर बायस – योग्य
पुरुष उम्मीदवारों को नज़रअंदाज़ करना।
- महिलाओं की सीमाएँ तय करना – उन्हें
केवल HR तक सीमित करना।
- रूप पर ध्यान देना – कुछ
कंपनियाँ गलती से खूबसूरती को भी प्राथमिकता देती हैं।
“खूबसूरत महिला HR” चयन
का मिथक
अक्सर यह मज़ाक किया जाता है कि HR की
नौकरी सिर्फ़ खूबसूरत महिलाओं को मिलती है।
सच्चाई यह है कि अच्छी
कंपनियाँ HR का चयन कौशल और योग्यता के
आधार पर करती हैं।
एक अच्छे HR के
लिए ज़रूरी गुण:
- मजबूत संवाद क्षमता
- श्रम कानून और HR नीतियों
का ज्ञान
- दबाव में भी निर्णय लेने की क्षमता
- निष्पक्ष और ईमानदार रवैया
निष्कर्ष
महिला HR
को प्राथमिकता देने के पीछे इतिहास,
मनोविज्ञान और कॉर्पोरेट ट्रेंड्स का मेल है। इससे कंपनियों को फायदा भी होता है, लेकिन
अगर यह सोच भेदभाव
में बदल जाए तो नुकसान भी हो सकता है।
असल में HR
की पहचान है:
- लोगों को समझना
- निष्पक्षता लाना
- भरोसा बनाना
और यह गुण सिर्फ़ महिलाओं तक सीमित नहीं
हैं। सही HR वही है, चाहे पुरुष हो या महिला,
जो कौशल
और संवेदनशीलता से संगठन को आगे बढ़ा सके।
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